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वाशिंगटन3 घंटे पहले
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जय भट्टाचार्य को डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (NIH) का निदेशक नामित किया है।
अमेरिका में नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अपनी सरकार के लिए अहम पदों की नियुक्तियां कर रहे हैं। इसमें कुछ भारतीय मूल के लोगों को भी जगह मिली है। ट्रम्प ने भारतवंशी फिजीशियन और इकोनॉमिस्ट डॉ. जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) का डायरेक्टर बनाने का फैसला किया है। जय भट्टाचार्य पर देश के प्रमुख मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की जिम्मेदारी होगी।
NIH के डायरेक्टर के तौर पर भट्टाचार्य 27 संस्थानों की देखरेख करेंगे। ये संस्थान महामारी के लिए वैक्सीन तैयार करने और नई दवाएं विकसित करने के लिए काम करते हैं।
भट्टाचार्य ने एक्स पर पोस्ट करके इसके बारे में जानकारी दी। भट्टाचार्य ने कहा –
मैं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा का डायरेक्टर चुना जाने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं। हम अमेरिकी वैज्ञानिक संस्थानों में सुधार करेंगे ताकि वे फिर से भरोसे के लायक हों और अमेरिका को फिर से स्वस्थ बनाने के लिए विज्ञान का बेहतर इस्तेमाल करेेंगे।
भट्टाचार्य स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में हेल्थ पॉलिसी के प्रोफेसर हैं और नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक्स रिसर्च में रिसर्च एसोशिएट हैं।
जय ने कहा था- कोरोना को फैलने देना चाहिए जय भट्टाचार्य 1968 में कोलकाता में पैदा हुए थे। उन्होंने 1997 में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन से MD की डिग्री हासिल की और 2000 में इकोनॉमिक्स में PhD की डिग्री हासिल की।
भट्टाचार्य ‘ग्रेट बैरिंगटन घोषणापत्र’ के तीन प्रमुख लेखकों में से एक हैं। यह घोषणापत्र 2020 में कोरोनाकाल में जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि वायरल को हेल्दी लोगों के बीच फैलने देना चाहिए। ऐसा कर वायरस के खिलाफ नैचुरल इम्युनिटी विकसित की जा सकती है।
इस घोषणापत्र के दो और लेखक स्कॉट एटलस और एलेक्स अजार हैं। एटलस ट्रम्प के पहले कार्यकाल के दौरान उनके सलाहकार थे। वहीं, अजार ट्रम्प कार्यकाल में स्वास्थ्य सचिव थे। हालांकि तब इन लेखकों की खूब आलोचना हुई थी।
रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के साथ काम करेंगे भट्टाचार्य
56 साल के भट्टाचार्य रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर के साथ मिलकर काम करेंगे। ट्रम्प ने कुछ दिन पहले कैनेडी जूनियर को स्वास्थ्य मंत्री नियुक्त किया है।
रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर, अमेरिका के 35वें राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे हैं। उनके पिता रॉबर्ट एफ कैनेडी अटॉर्नी जनरल रह चुके हैं। कैनेडी साफ जल की वकालत करने वाले दुनिया के सबसे बड़े समूह वाटरकीपर अलायंस के संस्थापक भी हैं।
भट्टाचार्य की नियुक्ति पर रॉबर्ट ने ट्रम्प का आभार व्यक्त किया है। रॉबर्ट ने कहा –
इस शानदार नियुक्ति के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प का बहुत आभारी हूं। डॉ. जय भट्टाचार्य NIH को गोल्ड-स्टैंडर्ड सांइंस और एविडेंस-बेस्ड मेडिसन के लिए अंतरराष्ट्रीय टेम्प्लेट के रूप में पुनर्स्थापित करने के लिए आदर्श नेता हैं।
ट्रम्प ने हाल ही में रॉबर्ट कैनेडी जूनियर को हेल्थ मंत्रालय का जिम्मा सौंपा है।
कोविड-19 के दौरान सरकार की आलोचना के लिए चर्चा में रहे भट्टाचार्य कोविड-19 के दौरान सरकार की नीतियों की आलोचना करने के लिए सुर्खियों में आए थे। उन्होंने सरकार के मास्क और लॉकडाउन के अनिवार्य करने के फैसले का विरोध किया था। उन्होंने टीकाकरण को अनिवार्य करने वाली सरकार की नीति का भी विरोध किया था।
उन्होंने कहा था कि सरकार के टीकाकरण नीति की वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। जिन लोगों ने टीकाकरण नहीं करवाया है, उन्हें ऑफिस जाने से रोका जा रहा है। इस वजह से देश की जनता का हेल्थ सिस्टम से विश्वास उठ रहा है।
वर्ल्ड हेल्थ ओर्गनाइजेशन सहित कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने उनके बयानों की आलोचना की थी। लेकिन, पहले ट्रम्प प्रशासन में रहे कुछ लोगों ने भट्टाचार्य के बयानों का समर्थन किया था।
हाल ही में, भट्टाचार्य ने ऑप्शनल साइट ‘ब्लूस्काई’ के लिए X प्लेटफॉर्म छोड़ने वाले वैज्ञानिकों पर X पर कमेंट किया है। उन्होंने ब्लूस्काई को ‘अपना छोटा इको चेंबर’ कहा है।
सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों का कर चुके है सामना
भट्टाचार्य को उनके विचारों की वजह से सोशल मीडिया पर प्रतिबंधों का सामना भी करना पड़ा था। वे सुप्रीम कोर्ट में एक मामले में शिकायतकर्ता थे। उनका आरोप था कि संघीय अधिकारियों ने गलत सूचना से निपटने के अपने प्रयासों में सोशल मीडिया पर रूढ़िवादी विचारों को गलत तरीके से दबाया है। उस मामले में, सुप्रीम कोर्ट ने जो बाइडेन प्रशासन के पक्ष में फैसला सुनाया था।
बाद में इलॉन मस्क के ट्वीटर को खरीदने के बाद उन्हें यह जांच करने के लिए कंपनी के मुख्यालय में बुलाया गया था कि किस तरह से सोशल मीडिया पर उनके विचारों को सीमित किया गया था।
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दावा-अमेरिकी सेना से ट्रांसजेडर्स को निकालेंगे ट्रम्प:15 हजार ट्रांसजेंडर्स खो सकते हैं नौकरी, शपथ लेते ही आदेश पर कर सकते है साइन
डोनाल्ड ट्रम्प सत्ता संभालने के बाद अमेरिकी सेना में शामिल ट्रांसजेंडर सैनिकों को निकाल सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद ट्रम्प इस आदेश पर हस्ताक्षर कर सकते है।
इसके साथ ही भविष्य में भी ट्रांसजेंडर्स के अमेरिकी सेना में शामिल होने पर रोक लगा दी जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इन सैनिकों को मेडिकली अनफिट होने के चलते नौकरी से निकाला जाएगा। फिलहाल अमेरिकी सेना में 15 हजार ट्रांसजेंडर सैनिक हैं, जिन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है।
ट्रम्प ने चुनाव प्रचार के दौरान भी ट्रांसजेंडर समुदाय के खिलाफ बयान दिए थे। इसके अलावा ट्रम्प की अगली सरकार में रक्षा मंत्री बनने वाले पिट हेगसेथ ने भी कुछ दिन पहले कहा था कि सेना में महिलाओं और ट्रांसजेंडर्स को शामिल करने से अमेरिका की सुरक्षा व्यवस्था कमजोर हो रही है। पूरी खबर पढ़ें…
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