Monday, December 23, 2024
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Hindu Mandir In Ajmer Dargah; Ajmer Dargah Controversy | Hindu Mandir | Mahadev Mandir In Ajmer Dargah | अजमेर-दरगाह में शिव मंदिर के दावे वाली याचिका पर सुनवाई: कोर्ट ने मामले को सुनने योग्य माना; दरगाह कमेटी समेत 3 पक्षकारों को नोटिस – Ajmer News

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अजमेर की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा करते हुए अजमेर सिविल कोर्ट में लगाई गई याचिका को कोर्ट ने सुनने योग्य माना है।यह याचिका हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की ओर से याचिका लगाई गई।

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सिविल जज मनमोहन चंदेल की बेंच ने सुनने योग्य माना और अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस देकर पक्ष रखने को कहा है। मामले में अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।

याचिका में रिटायर्ड जज हरविलास शारदा की 1911 में लिखी किताब अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला देते हुए दरगाह के निर्माण में मंदिर का मलबा होने का दावा किया गया है। साथ ही गर्भगृह और परिसर में एक जैन मंदिर होने की बात कही गई है।

इन डॉक्यूमेंट्स के आधार पर किया दावा

  • पूर्व जज हरबिलास सारदा की अजमेर ऐतिहासिक एवं वर्णात्मक किताब की कॉपी
  • भारत में सूफीवाद का इतिहास
हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दरगाह में मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका लगाई थी।

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने दरगाह में मंदिर होने का दावा करते हुए याचिका लगाई थी।

हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बताया कि आप अजमेर दरगाह के आसपास घूमेंगे तो देखेंगे कि बुलंद दरवाजे पर हिन्दू परंपरा की नक्काशी की गई है। वहीं जहां शिव मंदिर होता है, वहां झरना, पेड़ आदि जरूर होते हैं। पानी वहां जरूर होता है। ऐसे में पुरातत्व विभाग से भी अपील की है कि वे यहां जांच करें।

सुनवाई के दौरान भगवान शिव के बाल स्वरूप की तरफ से एडवोकेट रामस्वरूप बिश्नोई और ईश्वर सिंह ने बहस की।

38 पेज का वाद दिया दिल्ली के एडवोकेट रामस्वरूप बिश्नोई ने बताया- 38 पेज का वाद पेश किया गया। इसमें कहा गया है कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में शिव मंदिर है। दरगाह की बनावट और शिव मंदिर के प्रमाण के संबंध में भी सबूत पेश किए गए हैं।

दरगाह परिसर का ASI से सर्वे कराने की अपील की है। याचिका में मध्य प्रदेश में धार इलाके की भोजशाला, बनारस और अन्य जगहों का उदाहरण भी दिया गया है। वाद में दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय और पुरातत्व विभाग काे पक्षकार बनाया गया है।

दरगाह परिसर की जांच कराने के लिए पुरातत्व विभाग की मदद लेने की बात कही गई है।

दरगाह परिसर की जांच कराने के लिए पुरातत्व विभाग की मदद लेने की बात कही गई है।

शारदा की किताब का हवाला दिया दावे में रिटायर्ड जज हरविलास शारदा की 1911 में लिखी किताब अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव का हवाला दिया गया है। इस किताब में जज ने मौजूदा इमारत में 75 फीट ऊंचे बुलंद दरवाजे के निर्माण में मंदिर के मलबे के अंश बताए थे।

इसमें एक तहखाना या गर्भगृह है, जिसमें शिवलिंग बताया गया था। किताब के अनुसार, यहां ब्राह्मण परिवार पूजा अर्चना करता था। वाद में दरगाह कमेटी ने क्षेत्र में किए गए निर्माण को अवैध बताते हुए कब्जे हटाने और मंदिर में पूजा अर्चना का अधिकार दिलाने की मांग की गई है।

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अजमरे दरगाह मामले से जुड़ी ये खबरें भी पढ़िए… हिंदू सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष को जान से मारने की धमकी:कहा-केस वापस ले लो नहीं तो मारे जाओगे;दरगाह में मंदिर को लेकर पेश की थी याचिका

अजमेर दरगाह को हिंदू मंदिर बताने का दावा करने वाले हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष को जान से मारने की धमकी मिली है। कॉलर ने गुप्ता को कोर्ट में दायर वाद को वापस लेने की धमकी देते हुए कहा-केस वापस ले लो नहीं तो जान से मार देंगे।

मामला सोमवार रात 8 बजे का है। इसके बाद विष्णु गुप्ता देर रात क्रिश्चयन गंज थाने पहुंचे और शिकायत दी। पढ़ें पूरी खबर…

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